र्वांचल की सियासत में चुनावी चंदे की सीढ़ियों से पिछले साल कई उम्मीदवारों ने सफलता का स्वाद चखा। जिन उम्मरदवारों को विधायकी मिली, वो चुनाव खर्च करने में थोड़े 'कंजूस' निकले। चुनाव आयोग द्वारा तय सीमा से आधा भी खर्च नहीं किया। अगर गोरखपुर जिले की 9 सीटों पर चुने गए विधायकों और एडीआर पर उपलब्ध 8 सीटों के डेटा की बात करें तो साल 2017 के उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में विजेता उम्मीदवारों ने कुल 1.04 करोड़ से अधिक रुपये चुनाव प्रचार पर फूंक दिए। इनमें से करीब 3.6 करोड़ रुपये चंदे या ऋण के रूप में मिले थे। बाकी उन्होंने अपना और पार्टी का पैसा लगाया था। बता दें चुनाव आयोग ने इस बार चुनाव प्रचार पर प्रत्याशियों की चुनाव खर्च की सीमा 28 लाख से बढ़ाकर 40 लाख कर दी है।
खजनी (गोरखपुर): बीजेपी के टिकट पर खजनी सीट से चुनाव लड़कर माननीय बने संत प्रसाद ने चुनाव आयोग को जो विवरण दिया है, उसमें उन्होंने चुनाव में कुल 10.55 लाख रुपये खर्च किए। इसमें से उन्हें 5 लाख पार्टी से और 1.55 लाख की रकम किसी व्यक्ति/कंपनी/फर्म/संघों/व्यक्तियों के निकाय आदि से ऋण, उपहार या दान आदि के रूप में प्राप्त किया। इसके अलावा उन्होंने 4 लाख रुपये अपने पास से खर्च किए।
गोरखपुर ग्रामीण: गोरखपुर ग्रामीण की सीट बीजेपी के बिपिन सिंह के हाथ आई। एडीआर पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक बिपिन सिंह ने चुनाव में दिल खोलकर खर्च किया। कुल 17 लाख, 30 हजार, 51 रुपये खर्च किए। इनमें से केवल 10,051 रुपये अपनी जेब से लगाया और 12.20 लाख रुपये इन्हें व्यक्ति/कंपनी/फर्म/संघों/व्यक्तियों के निकाय आदि से ऋण, उपहार या दान आदि के रूप में मिले। वहीं पार्टी फंड से भी इन्हें 5 लाख रुपये प्राप्त हुए।
गोरखपुर शहर: गोरखपुर शहर से विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल ने पिछले चुनाव में अपने चुनाव प्रचार पर कुल 12,05,966 रुपये खर्च किए। इनमें से 2,26,771 रुपये खुद का लगाया और 5,03,000 पार्टी फंड के रूप में मिले। जबकि, 4,76,195 रुपये उन्हें व्यक्ति/कंपनी/फर्म/संघों/व्यक्तियों के निकाय आदि से ऋण, उपहार या दान आदि के रूप में मिले।
चौरी-चौरा (गोरखपुर): चौरी चौरा सीट से पिछली बार संगीता यादव ने जीत हासिल की। उन्होंने चुनाव प्रचार में कुल 16 लाख 10 हजार रुपये खर्च कीं। इनमें से 6, 10,000 अपने पास से और पार्टी फंड से 5 लाख लिए। बाकी 5 लाख उन्होंने किसी व्यक्ति/कंपनी/फर्म/संघों/व्यक्तियों के निकाय आदि से ऋण, उपहार या दान आदि के रूप में प्राप्त किया।
2017 में गोरखपुर जिले की सीटो के विधायकों का चुनाव खर्च
| विधानसभा | किसी व्यक्ति/कंपनी/फर्म/संघों/व्यक्तियों के निकाय आदि से ऋण, उपहार या दान आदि के रूप में प्राप्त एकमुश्त राशि | कुल चुनाव खर्च रुपये में |
| चौरीचौरा | 500,000 | 1610000 |
| चिल्लूपार | 0 | 444050 |
| गोरखपुर ग्रामीण | 1220000 | 1730051 |
| गोरखपुर अर्बन | 476195 | 1205966 |
| खजनी | 155000 | 1055000 |
| पिपराइच | 0 | 1554954 |
| सहजनवां | 661085 | 1161085 |
| बांसगांव | उपलब्ध नहीं | उपलब्ध नहीं |
| कैम्पियरगंज | 581070 | 1681070 |
| कुल | 3,593,350 | 10442176 |
स्रोत: एडीआर
शोहरतगढ़ (सिद्धार्थनगर) : सिद्धार्थनगर जिले की शोहरतगढ़ सीट से पिछली बार अपना दल (सोनेलाल) के अमर सिंह विधायक बने। एडीआर पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक इन्होंने चुनाव में केवल 3,06,617 रुपये खर्च किया। इसमें से 2.04 लाख चंदे से और 1.02 लाख रुपये अपनी जेब से लगाया। वहीं, पार्टी से इन्हें एक भी पैसा नहीं मिला। यानी इनकी भी सियासत चंदे से चमकी।
बांसी (सिद्धार्थनगर): सिद्धार्थनगर जिले के ही बांसी सीट से पिछली बार बीजेपी उम्मीदवार जय प्रताप सिंह ने बाजी मारी थी। चुनाव में इन्होंने कुल 11 लाख 27 हजार 449 रुपये खर्च किए। इनमें व्यक्ति/कंपनी/फर्म/संघों/व्यक्तियों के निकाय आदि से ऋण, उपहार या दान आदि के रूप में प्राप्त एकमुश्त राशि में कुछ भी नहीं मिला। हां, पार्टी फंड से इन्हें 5 लाख रुपये मिले, जबकि 6,27,449 रुपये अपने पास से लगाए।
कैंपियरगंज :कैंपियरगंज से पिछली बार बीजेपी की टिकट पर विधानसभा पहुंचे फतेह बहादुर सिंह ने कुल 16 लाख 81 हजार, 70 रुपये खर्च किए। इसमें 5 लाख पार्टी से और 6 लाख उन्होंने अपने पास से खर्च किए। बाकी 5 लाख 81 हजार 70 रुपये उन्हें व्यक्ति/कंपनी/फर्म/संघों/व्यक्तियों के निकाय आदि से ऋण, उपहार या दान के रूप में मिले।
सहजनवां: सहजनवां से बीजेपी के शीतल पांडे ने पिछले चुनाव में बाजी मारी थी। इन्होंने चुनाव में कुल 11,61,085 रुपये खर्च किए, जिनमें 5,00,000 पार्टी फंड से और 6,61,085 रुपये व्यक्ति/कंपनी/फर्म/संघों/व्यक्तियों के निकाय आदि से ऋण, उपहार या दान से लिए। अपने पास इन्होंने इन्होंने फूटी कौड़ी भी नहीं लगाई।
बांसगांव: पिछले चुनाव में चिल्लूपार के विधायक विनय शंकर ने न तो कहीं से चंदा लिया और न ही पार्टी फंड से इन्हें कुछ मिला। इन्होंने अपने चुनाव में कुल 4,44,050 रुपये खर्च किए वो भी अपने पास से।
पिपराईच (गोरखपुर): पिपराईच विधायक महेंद्र प्रताप को पार्टी से 5 लाख रुपये मिले, लेकिन इन्हें कहीं से कोई चंदा नहीं मिला। इन्होंने कुल 15 लाख 54 हजार 954 रुपये अपने चुनाव प्रचार में खर्च किए थे।
घनघटा (संतकबीर नगर): संतकबीर नगर जिले की घनघटा सीट से श्री राम पिछली बार बीजेपी के टिकट पर विधायक बने। उन्होंने 10 लाख 240 रुपये चुनाव पर खर्च किए। इनमें से 4,90,240 रुपये अपने पास से लगाए, 5 लाख पार्टी से मिले और चंदा मिला मात्र 10000 रुपये।
डुमरियागंज (सिद्धार्थनगर) : इस सीट से बीजेपी के राघवेंद्र प्रताप सिंह चुने गए और चुनाव में इन्होंने कुल 12 लाख रुपये खर्च किए। इनमें से 5 लाख पार्टी से और 1.90 लाख खुद का लगाए। बाकी 5 लाख 10 हजार उन्हें चंदे या ऋण के रूप में मिले।