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विचार: किसानों के हित में तनकर खड़ा भारत, देश ने साफ कर दिया अमेरिका को नहीं मिलेगी रियायत

 अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते पर बातचीत की अनिश्चितता के बीच स्वतंत्रता दिवस समारोह पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से यह स्पष्ट किया कि वह किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों की रक्षा में दीवार की तरह खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि भारत उनके हितों से कभी कोई समझौता नहीं करेगा। पीएम मोदी की यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि अमेरिका प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) में कृषि और डेरी क्षेत्रों में भारत से शुल्क में रियायत मांग रहा है।

 

इससे पहले पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को संदेश देते हुए कहा था कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेरी क्षेत्र के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि आवश्यक हुआ तो वह व्यक्तिगत रूप से बड़ी कीमत चुकाने को तैयार हैं।

 

प्रस्तावित बीटीए में अमेरिका मक्का, सोयाबीन, सेब, बादाम और एथेनाल जैसे उत्पादों पर टैरिफ कम करने के साथ-साथ अमेरिकी डेरी उत्पादों की भारत में पहुंच बढ़ाने की मांग कर रहा है। ट्रंप द्वारा भारतीय उत्पादों के आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त सीमा शुल्क लगाने के आदेश के बाद पीएम मोदी का यह वक्तव्य और भी महत्वपूर्ण हो गया है। हालांकि ट्रंप का यह आदेश 27 अगस्त से लागू होगा, जिसके बाद कुल टैरिफ दर 50 प्रतिशत हो जाएगी।

 

अमेरिका भारत में अपने कृषि उत्पादों के लिए बाजार चाहता है, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह डेरी क्षेत्र और जीएम सोयाबीन और मक्का के लिए अपना बाजार नहीं खोलेगा। अमेरिका में पशु आहार का उपयोग डेरी क्षेत्र में किया जाता है। भारत ने इस क्षेत्र में अपने पहले के किसी भी व्यापार समझौते में कभी भी शुल्क की कोई रियायत नहीं दी है।

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