एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि साल 2021 में S-400 एयर डिफेंस मिसाइल को वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा। बता दें कि पावरफुल मिसाइल सिस्टम S-400 के आने से भारतीय वायुसेना को मजबूती मिलेगी। यह डिफेंस सिस्टम चीन के पास पहले से ही है। चीन ने भी रूस से ही इस मिसाइल को खरीदा है। रूस ने अपने संवेदनशील क्षेत्रों में इसी मिसाइल को तैनात किया हुआ है।
S-400 दुनिया के सबसे विकसित एयर डिफेंस सिस्टम में से एक है। यह डिफेंस सिस्टम 1000 किलोमीटर तक की दूरी से एयरक्राफ्ट, बॉम्बर्स और मिसाइल्स को ट्रैक कर सकता है। ट्रैकिंग के साथ ही यह डिफेंस सिस्टम टारगेट पर 400 किलोमीटर की रेंज में मिसाइल भी लॉन्च कर सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह एक बार में 100 टारगेट पहचान सकता है।
रूस जब सोवियत संघ का हिस्सा था तब 1967 में S-200 अंगारा नाम की वायु रक्षा प्रणाली विकसित की थी। यह S सीरीज की पहली मिसाइल थी। यह मिसाइल किसी भी मिसाइल या विमान को मार गिराने में सक्षम थी। इसकी तकनीकी दक्षता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह सिस्टम आज भी सेवा में है। S-400 मौजूदा वक्त की सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम है। मौजूदा वक्त में रूस S-500 के विकास में लगा हुआ है।
इस डिफेंस सिस्टम में मौजूद सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक मिसाइलों से 30 किलोमीटर की उंचाई और 400 किलोमीटर तक के लक्ष्य को निशाना बनाया जा सकता है। S-400 से विमान, क्रूज, बैलेस्टिक मिसाइल के साथ जमीनी टारगेट को भी रौंदा जा सकता है। यह मिसाइल एक बार में 400 किलोमीटर की रेंज में एक साथ 36 टारगेट को निशाना बना सकता है।
S-400 मिसाइल सिस्टम में करीब 12 लॉन्चर होते हैं जो अलग-अलग क्षमताओं से लैस होते हैं। इससे तीन तरह की मिसाइल को एक साथ निशाना बनाया जा सकता है। पुराने एस सीरीज के मिसाइल के मुकाबले यह करीब दोगुना ताकतवर है।