ISS से कब तक लौटेंगे अंतरिक्ष यात्री, वापसी में अब क्या आ सकती हैं चुनौतियां -
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के धरती पर लौटने का काउंटडाउन शुरू हो गया है। जल्दी ही दोनों धरती पर होंगे. मगर, एंट्री के वक्त कई चुनौतियां भी होंगी, जिससे अंतरिक्ष एजेंसियों से पार पाना होगा. जानते हैं कि उनकी धरती पर वापसी किस तरह से होगी और उसमें क्या सावधानियां बरतीं जाएंगी? किसी भी वस्तु को पृथ्वी की निचली कक्षा में प्रवेश के लिए 7.8 किमी प्रति सेकेंड की रफ्तार रखनी होगी. चूंकि, स्पेसयान के पास हाई काइनेटिक एनर्जी होती है, ऐसे में धरती के एटमॉस्फियर में एंट्री के लिए इस एनर्जी को बचाए रखने की जरूरत होती है. धरती के वातावरण में री-एंट्री के लिए इसीलिए रेट्रोरॉकेट का इस्तेमाल करना होता है. पैराशूट या एयर ब्रेक का इस्तेमाल करने से पहले क्रू मेंबर्स को अंतरिक्ष वाहनों को सबसोनिक गति तक धीमा किया जाना चाहिए. सबसोनिक स्पीड ध्वनि की गति से कम गति होती है. री-एंट्री स्पेस शटल के लिए विशेष रूप से खतरनाक समय है. एक ऐसा समय जिसके दौरान शटल को ज्यादा प्रेशर और हाई टेंपरेचर से गुजरना पड़ता है. आईएसएस धरती से 300 किलोमीटर की ऊंचाई पर है. जब कोई यान धरती से करीब 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर धरती के
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