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उत्तर प्रदेश की सभी नौ सीटों के उपचुनाव में दौड़ेगी साइकिल, अखिलेश ने कर दिया एलान

विधानसभा उपचुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान पर बुधवार रात सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विराम लगा दिया। अखिलेश ने कहा, विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए के संयुक्त प्रत्याशी सभी नौ सीटों पर सपा के चुनाव चिह्न साइकिल पर उपचुनाव लड़ेंगे। 

 

दिल्ली में बुधवार रात कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे व प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के साथ उपचुनाव में अपनी भागीदारी को लेकर बैठक भी बुलाई गई थी। सपा की ओर से की गई घोषणा पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनका कहना है कि वह गुरुवार को अपनी बात रखेंगे। 

प्रदेश कांग्रेस ने पहले पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव केंद्रीय नेतृत्व को भेजा था। कांग्रेस भाजपा व रालोद के हिस्से रही सीटों पर पंजा लड़ाने की तैयारी में थी। पर सपा ने उसके सपनों पर पानी फेर दिया था। जिन नौ सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें सपा छह पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी थी। अब तीन सीटों खैर, गाजियाबाद व कुंदरकी पर प्रत्याशी घोषित होने हैं। सपा इनमें खैर व गाजियाबाद सीट कांग्रेस को देने को राजी थी। कांग्रेस भीतरखाने फूलपुर व मझवां सीट हथियाने के लिए प्रयासरत थी। एक दिन पूर्व सपा के फूलपुर सीट कांग्रेस के लिए छोड़ने की चर्चाओं के बीच बुधवार को सपा प्रत्याशी मुज्तबा सिद्दीकी ने इस सीट से अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया।
माना जा रहा है कि विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए के तहत मध्य प्रदेश, हरियाणा व महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जिस तरह सीटों के बंटवारे में कांग्रेस ने सपा की अनसुनी की, कुछ उसी तरह उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा उपचुनाव में सपा अपनी हनक कम नहीं पड़ने देना चाह रही थी। 

 

सपा प्रमुख ने बुधवार रात एक्स अकाउंट पर लिखा कि ‘बात सीट की नहीं जीत की है’ इस रणनीति के तहत ‘इंडिया गठबंधन’ के संयुक्त प्रत्याशी सभी नौ सीटों पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ के निशान पर चुनाव लड़ेंगे। 

 

कहा, ‘कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक बड़ी जीत के लिए एकजुट होकर, कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के साथ आने से सपा की शक्ति कई गुणा बढ़ गई है। यह देश का संविधान, सौहार्द व पीडीए का मान-सम्मान बचाने का चुनाव है। अपील है कि एक भी वोट न घटने पाए, एक भी वोट न बंटने पाए’।
 
कांग्रेस पहले ही खैर व गाजियाबाद सीट भी सपा की झोली में डालने के संकेत दे चुकी थी। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस नेता भाजपा से अपना मुकाबले को बेहद चुनौतीपूर्ण मान रहे थे और इन्हें भी सपा को देने के लिए राजी थे।

 

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